लंदन. अपराधों के मामलों में आम तौर पर पुरुषों को ही जिम्मेदार माना जाता है। खास तौर पर हिंसक अपराधों में, लेकिन ताजा रिपोर्ट की मानें, तो पिछले तीन दशकों में जेलों में बंद महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में तेजी से बढ़ी है। पश्चिमी देशों में तो हिंसक अपराधों में महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ दिया है। यह खुलासा दुनिया भर में अपराधों पर नजर रखने वाली लंदन की संस्था इंस्टीट्यूट फॉर क्रिमिनल पॉलिसी रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में हुआ है।

इसके मुताबिक पिछले तीन दशकों में पश्चिमी देशों में अपराधों की दर घटी है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि हिंसक अपराधों की दोषी महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। प्राइवेट इन्वेस्टीगेटर केली पैक्सटन के मुताबिक खर्च और जरूरतें पूरी नहीं कर पाने और वित्तीय संकट से कुछ महिलाएं अपराध कर बैठती हैं।

दुनिया भर की जेलों में बंद महिलाओं की संख्या 30 साल में 50% से ज्यादा बढ़ी है। ब्रिटेन में तो सिर्फ 2015-2016 में ही गिरफ्तार महिलाओं की संख्या 50% से ज्यादा बढ़ गई। दुनिया भर की जेलों में 7.14 लाख से ज्यादा महिलाएं बंद हैं। यह जेलों में बंद कुल कैदियों का महज 7% है, लेकिन तीन दशक में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।

टॉप-5 देश: अमेरिका की जेलों में 2 लाख से ज्यादा महिलाएं कैद, दुनिया में सबसे ज्यादा

देश महिला कैदी
अमेरिका 2.11 लाख
चीन 1.07 लाख
रूस 48,478
ब्राजील 44,700
थाईलैंड 41,119
भारत 17,834





Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
तस्वीर साभार गार्जियन


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2s4J8Ak
/a>