लाइफस्टाइल डेस्क. जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की ओर से शुक्रवार को रजत जयंती वर्ष के मौके पर भोपाल में कैंसर सर्वाइवर्समिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय इस समारोह के पहले दिन मिंटो हॉल में 'कॉफी विद ताहिरा कश्यप खुराना' का विशेष सत्र रखा गया। समारोह में बड़ी संख्या में कैंसर सर्वाइवर्स, कैंसर मरीज और उनके परिजन, पूर्व सांसद सुरेश पचौरी, विधायक विश्वास सारंग, जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की अध्यक्ष आशा मदन जोशी और सीईओ दिव्या पाराशर उपस्थित थीं। इस दौरान ताहिरा से बतौर एंकर बात की हॉस्पिटल की ऑन्कोसर्जन डॉ. नीलू मल्होत्रा ने -

एंकर- आपकी जिंदगी में बधाएं आईं, उस सफर के बारे में बताइए?
ताहिरा-
सेहत हो, फाइनेंस हो या रिश्ते हर किसी की जिंदगी में 'ग्रे क्लाउड्स' आते ही हैं। लेकिन हर बाधा में कोई न कोई सिल्वर लाइनिंग जरूर होती है। हम मुश्किल हालात से निपटकर ही बेहतर इंसान बनते हैं। मैं बुद्धिज्म को फॉलो करती हूं- जो बताता है कि अगर कोई समस्या आई है तो मुझे कुछ सिखाने आई है।

एंकर- आपको कभी लगा कि ऐसा मेरे साथ ही क्यों हुआ?
ताहिरा- आज 10 जनवरी 2020 की तारीख तक मैंने यह सवाल खुद से नहीं पूछा है। मेरा तरीका यह था कि चैलेंज को एक चैलेंज की तरह लो और अपना बेस्ट सामने लाओ। ऐसे समय में किसी मजबूत सपोर्ट सिस्टम कि जरूरत पड़ती है, जैसे मेरे लिए बुद्धिज्म की प्रैक्टिस। मैंने अपनी मनोदशा ऐसी रखी कि बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया। और यह कहना बड़ा अजीब लगता होगा लेकिन मैं अपने इस सफर को सेलिब्रेट करना चाहूंगी और मैंने किया भी। (और इसी के साथ तालियां बजने लगी)

एंकर- कई सारे कैंसर सर्वाइवर हमारे साथ हैं, उनको क्या मैसेज देना चाहेंगी?
ताहिरा- मैं उन सभी महिलाओं को सलाम करती हूं, उनको भी जिन्होंने यह जंग जीती और उन्हें भी जो यह नहीं जीत पाए। इन सबकी कहानियां प्रेरणा देने वाली हैं। मुझे महिलाओं से प्यार है, यह एक ऐसी प्रजाति है जो कभी हार नहीं मानती, हारकर भी फिर खड़े होने की हिम्मत रखती है।

एंकर- सर्जरी के बाद आपने अपना ध्यान कैसे रखा?
ताहिरा - मैंने फूड, वर्कआउट का ध्यान रखा। और यह भी सुनिश्चित रखा कि मेरी मानसिक सेहत अच्छी रहे। मैं अपनी खुशी पर फोकस करती हूं। और हम सब खुश रहना चाहते है। परेशान नहीं होना चाहते। जिंदगी कट रही है…., जिंदगी काटने के लिए नहीं है वैल्यू एड करने के लिए है और हम सब खुश होने के हकदार है और यही मेरा रोज का मंत्र है।



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Life is for value added, not for cutting, we all deserve to be happy: Cancer Survivor Tahira Kashyap


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