सुजैन गिब्स कनाडा में रहती हैं। उनकी उम्र 49 साल है। वे खिलौने के तौर पर न्यूबोर्न बेबीज बनाने और उन्हें हूबहू बच्चों की शक्ल में पेंट करने के लिए जानी जाती हैं। वे 2010 से ये काम कर रही हैं। कभी-कभी इन खिलौनों को बनाते हुए उन्हें इनसे इतना प्यार हो जाता है कि वे इन्हें बेचना भी पसंद नहीं करतीं। उन्हें अपने इस काम को करते हुए बहुत गर्व महसूस होता है।
सुजैन को बचपन से डॉल बहुत पसंद थी। वे तब भी यही सोचती थी कि जब मैं बड़ी होकर बच्चों की शक्ल वाली डॉल बनाऊंगी। उन्होंने अपनी क्रिएटिविटी से इस काम को संभव कर दिखाया।
सुजैन ने पहली बार 2009 में इन खिलौनों को ऑनलाइन देखा था। इन्हें देखकर उनके लिए ये यकीन करना मुश्किल था कि ये असली नहीं, बल्कि खिलौना हैं। सबसे पहले उन्होंने एक खिलौना खरीदा। उसके बाद दो और खरीद लिए। फिर उन्हें ये महसूस हुआ कि इन खिलौनों की कीमत इतनी ज्यादा है जिसकी वजह से उन्हें जमा करके रखना मुश्किल है। उसके बाद उसने खुद इन खिलौनों को बनाना शुरू किया।
सबसे पहले सुजैन ने ये खिलौने अपने परिवार और खुद के लिए बनाए। धीरे-धीरे उसने सिलिकॉन डॉल्स बनाना शुरू की। फिलहाल सुजैन सारी दुनिया को इस तरह की डॉल्स बनाने की ट्रेनिंग देती हैं।
सुजैन के हाथों से बनी एक डॉल ऑनलाइन करीब 6 लाख रुपए में बिकती है। इन डॉल्स को बनाने में सुजैन खूब मेहनत करती हैं। वे एक महीने में दो डॉल्स बनाकर तैयार कर लेती हैं। सुजैन बहुत बारीकी से इनकी फिनिशिंग पर काम करती हैं। उनकी बनाई हर डॉल की कीमत अलग है जो उसे बनाने में इस्तेमाल हुए सामान पर डिपेंड करती है।
वे अपनी हर डॉल को बेचते समय उसके साथ एक बैग, कपड़े, कुछ खिलौने, एक खाली बॉटल, एक कंबल, एक बर्थ सर्टिफिकेट और पासपोर्ट भी देती हैं। उनकी बनाई अधिकांश डॉल्स का इस्तेमाल नर्सिंग होम में उन मांओं के लिए किया जाता है जिनके बच्चे पैदा होते ही चल बसे। इन मांओं के लिए ये डॉल थैरेपी की तरह काम करती हैं। साथ ही फिल्मों में दिखाए जाने वाले शिशुओं के तौर पर इनका यूज होता है। सोशल मीडिया पर सुजैन के इस आर्ट की लोग तारीफ करते नहीं थकते हैं।
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