17 वर्षीय दीप्ति को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में मिला पहला पुरस्कार, उसने बनाया एक ऐसा डिवाइस जो पेशेंट की निगरानी का काम करेगा

मैसूर की 17 वर्षीय दीप्ति गणपति हेगड़े को 6 वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में नवभारत निर्माण डोमेन के अंतर्गत अपने खास डिवाइस के लिए पहला स्थान मिला। वह इस फेस्टिवल में जीतने वाली मैसूर की एकमात्र लड़की हैं। उन्हें 25,000 का अमाउंट मिला। इस फेस्टिवल में 45 साल की उम्र तक के 3000 प्रतिभागी शामिल हुए थे। दीप्ति ने एक ऐसा डिवाइस डेवलप किया जो गांव में रहने वाली गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कार्डिएक पेशेंट की निगरानी का काम करेगा।

दीप्ति ने इसे स्मार्ट बैंड के रूप में डेवलप किया। इसे कलाई के ऊपरी भाग पर पहना जा सकता है। ये 10 डिफरेंट पैरामीटर्स को मेजर करने का काम करता है। इसमें कोरोना के लक्षण जैसे बेसिक बॉडी टेम्परेचर, बीपीएम, कफ की समस्या आदि हैं। इसे बैंड को मोबाइल एप से जोड़कर भी डाटा प्राप्त किया जा सकता है जिसे क्लाउड सर्विस की मदद से भेजा जाता है। अगर पेशेंट की तबियत अचानक खराब होती है तो यह परिवार के सदस्यों, दोस्तों, डॉक्टर्स और एंबुलेंस को इमर्जेंसी अलर्ट भेजता है। इससे सही समय पर पेशेंट का इलाज हो सकता है और उसकी जान बच सकती है।

दीप्ति के अनुसार, ''गांव में रहने वाले लोगों को शहरवासियों की तुलना में स्वास्थ्य से संबंधित बहुत कम सुविधाएं मिलती हैं। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि गांव के हेल्थ केयर सिस्टम को डिजिटलाइज किया जाए''। जो डिवाइस दीप्ति ने बनाया है, वह बहुत कम चार्ज पर किराए से मिल सकता है। यह गर्भवती महिलाओं की देखभाल के 8-9 महीने तक उनके पास भी रह सकता है।



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17-year-old Deepti got first prize at India International Science Festival, she made a device that will work as a patient monitor


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