पटना की भावना शेखर ने तोड़ी शादी की रूढ़ीवादी परंपराएं, गुरहथी की रस्म पुरुष के बजाय पहली बार एक बेटी ने निभाई

शादी की रस्मों से जुड़े जो सकारात्मक बदलाव नजर आ रहे हैं, उनमें एक यह भी है कि जिन रस्मों को निभाने का अधिकार सदियों से सिर्फ पुरुषों को दिया जाता था, उन्हें अब महिलाएं भी निभा रही हैं। पटना की रहने वाली भावना शेखर के बेटे सात्विक की शादी में भावना ने उस रस्मों को निभाने से मना कर दिया जो लगभग हर बिहारी शादी में अदा की जाती हैं। शादी की अगली सुबह दूल्हे के नहाने का पानी दुल्हन पर छींटा जाता है। भावना ने इस रस्म को ये कहकर निभाने से मना कर दिया कि दुल्हन के नहाने का पानी दूल्हे पर क्यों नहीं छींटा जाता?

भावना एक लेखिका हैं और मानती है कि शादी के दौरान जो रस्में समाज के पैरों में बेड़ियां डालती हैं, उन्हें काटना जरूरी है। ऐसी ही एक नई परंपरा शुरू करने का साहस उन्होंने सात्विक की शादी में किया। बिहार की मशहूर गुरहथी रस्म के अंतर्गत दूल्हे का बड़ा भाई दुल्हन के हाथों में गहने और कपड़े देता है। अगर बड़ा भाई मौजूद न हो तो यह रस्म परिवार के किसी पुरुष द्वारा निभाई जाती है। कई घरों में पुरुष न होने पर पड़ोस में रहने वाले किसी पुरुष से ये रस्म निभाने को कहा जाता है। लेकिन इस रस्म को कभी कोई महिला अदा नहीं करती।

शेखर और उनकी पत्नी भावना ने इस रस्म को तोड़कर अपनी बेटी के हाथों गुरहथी की रस्म अदा करवाई। भावना की इस पहल को सोशल मीडिया पर सराहना मिल रही है। बेटियों को परिवार में आगे बढ़ाने की कोशिश के लिए भी लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।



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Bhavna Shekhar of Patna broke the orthodox traditions of marriage, Gurthi ritual was performed by a daughter instead of a man


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