चीन में सूर्य को ड्रैगन से बचाने के लिए पटाखे चलाते हैं, अफ्रीकी मानते हैं इस दिन सुलझ जाते हैं पुराने झगड़े

लाइफस्टाइल डेस्क. 26 दिसंबर, गुरुवारसुबह 8.04 बजे से 10.56 बजे तक सूर्य ग्रहण की घटना होगी। ग्रहण का दृश्यभारत समेत एशिया के कुछ देश, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में भी नजर आएगा। ग्रहण भले ही एक खगोलीय घटना है लेकिन दुनियाभरमें इससे जुड़ी मान्यताएं अलगहैं। अमेरिका में मान्यता है कि एक विशालकायभालू जब सूरज को खा लेता हैतो सूर्य ग्रहण और जब चंद्रमा को निगल जाता हैचंद्र ग्रहण होता है। भारत में भी ग्रहण के दौरान बाहर न निकलने औरकुछ भीन खानेकी मिथकीय मान्यता है। मान्यता है कि इस दौरान खाने में ग्रहण की किरणें पड़ती है तो वह विषैला हो जाता है। अन्य देशों के ऐसे ही मिथकों पर एक रिपोर्ट।

अफ्रीकी मानते हैं-यह दिन पुरानाझगड़ाखत्म करने का मौका
सूर्य ग्रहण को लेकर अफ्रीका की एक मान्यता दिलचस्प है। यहां के बाटाममलिबा कबीले के लोगों का मानना है कि सूर्य ग्रहण पुराने झगड़े को खत्म करने का एक मौका है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण की वजह सूरज और चांद के बीच युद्ध होना है। जब भी सूर्य ग्रहण की घटना होती है बाटाममलिबा कबीले के लोग इकट्ठा होते हैं अपने मतभेद को भुलाते हैं। साथ ही सूरज और चांद से भी ऐसा ही करने की गुजारिश करते हैं।

चीन-सूर्य को मिथकीयड्रैगन से बचाने के लिए पटाखे और तीर चलाते हैं लोग

चीन में माना जाता है कि ड्रैगन को भूख लगती है तो वह सूरज या चांद में किसी एक को निगल जाता है।

प्राचीन चीनी मान्यता के मुताबिक, जब ड्रेगन सूर्य को निगलजाता है तभीसूर्य ग्रहण पड़ता है। ऐसे मौके पर चीन के लोग ड्रैगन को डराने और भगाने के लिए आसमान की ओर तीर फेंकते हैं। शोर और रोशनी फैलाने के लिए पटाखे छोड़े जाते हैं। ऐसी हीपरंपरा 19वीं शताब्दी तक जारी रही जिसमेंग्रहण पड़ने पर चीनी सेना ने आसमान में तोप से गोले दागे थे।


मेक्सिको - मानते हैंचांद को गुस्सा आता है
यहां टेवा समुदाय के लोगों का मानना है जब सूर्य का गुस्सा हो जाता है तो सूर्य ग्रहण पड़ता है। वह इस हद तक नाराज होता है कि आसमान को छोड़कर जाने का फैसला ले लेता है। ग्रहण की घटना के बाद लोग सूर्य को धन्यवाद अदा करते हैं क्योंकि उसका गुस्सा ठंडा हो चुका है और वापस आसमान में अपनी जगह चमक रहा है।


यूरोप-रथ परसवारसूरज-चांद को पकड़ने दौड़ताहैभेड़िया

यूरोप की मान्यताओं के मुताबिक, भेड़िए सूरज और चांद के पीछे दौड़ते थे, भेड़िया जिसे पकड़ता था उससे जुड़ा ग्रहण पड़ता था।


उत्तरी यूरोप के स्कैंडिनेवियाइलाकेमें माना जाता है कि आसमान में दो भेड़िए हैं। एक सूरज और चांद के पीछे दौड़ता है। भेड़िया सूरज या चांद में जिसको पकड़ता है उससे जुड़ा ग्रहण पड़ता है। ग्रीस में सूर्य ग्रहण को ईश्वर का श्राप भी कहा जाता है। मान्यता है कि ग्रहण से पहले देवता एक राजा को सजा देने वाले थे। लेकिन राजा को सजा से बचाने के लिए कैदी या किसान को कुछ समय के लिए राजा बनाया गया था। उसे सजा मिलने के बाद ग्रहण खत्म होता है और वास्तविक राजा वापस गद्दी संभालता है।

कोरिया -राजा के आदेश के कुत्तों ने सूर्य को चुराने की कोशिश की

कोरियाई जातक कथाओं में इसे राजा का आदेश माना जाता है। मान्यता है कि एक राजा ने कुत्तों को आदेश दिया था कि वे चांद को चुरा लाएं। लेकिन काफी कोशिशों के बाद वे पूरी तरह सफल नहीं हो पाए और सूर्य का कुछ हिस्सा भी ले पाए। यह घटना सूर्य ग्रहण की वजह बनी।

भारत में ग्रहणकाल के दौरान ध्यान करने और संयम से रहने की मान्यता है।

भारत - बाहर ननिकलने औरग्रहणकाल में सब कुछ हो जाने की मान्यता
हमारे देश में ग्रहण के दौरान खाने से दूरी बनाने की मान्यता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि ग्रहण के समय गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को खतरा रहता है। इसलिए मान्यता के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को किसी भी तरह की धार वाली चीज इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के किसी भी अंग पर कट का निशान रह जाता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि चंद्रग्रहण के समय लोगों को नहाना चाहिए और अपने आस-पास मौजूद सभी नकारात्मकता को दूर कर देना चाहिए।



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